Surangama (Hindi)
Shivani
सुरंगमा ‘‘छोट्टो घर खानी मौने की पौड़े सुरंगमा? मौने की पौड़े, मौने की पौड़े?. एक प्राणों से प्रिय व्यक्ति तीन-चार मधुर पंक्तियों से सुरंगमा के जीवन को संझा के वेग से हिलाकर रख देता है। बार बार। शराबी, उन्मादी पति से छूटभागी लक्ष्मी को जीवनदाता मिला अँधेरे भरे रेलवे स्टेशन में। रॉबर्ट और वैरोनिका के स्नेहसिक्त स्पश्र में पनपने लगी थी उसकी नवजात बेटी सुरंगमा, लेकिन तभी विधि के विधान ने दुर्भाग्य का भूकम्पी झटका दिया और उस मलबे से निकली सरल निर्दोष पाँच साल की सुरंगमा कुछ ही महीनों में संसारी पुरखिन बन गई थी, फिर शिक्षिका सुरंगमा के जीवन में अंधड़ की तरह घुसता है, एक राजनेता और सुरंगमा उसकी प्रतिरक्षिता बन बैठती है। क्या वह इस मोहपाश को तोड़कर इस दोहरे जीवन से छूट पाएगी? मौने की पौड़े सुरंगमा? एक एकाकी युवती की आंतरिक और बाहरी संघर्षों की मार्मिक कथा।
Kategorien:
Jahr:
2016
Verlag:
Radhakrishna Prakashan
Sprache:
hindi
Seiten:
263
ISBN:
D46703D8-24C3-4D1B-9848-68ED6AADFB3B
Datei:
AZW3 , 553 KB
IPFS:
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hindi, 2016